सरसों उत्पादन 125 लाख टन की उम्मीद, देखें साप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट 12 फरवरी 2024

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सरसों साप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट 12 फरवरी 2024 (Mustard Seed Market Weekly Report): बीते हफ़्ते के दौरान देश में घटे भाव पर ऑयल मिलों की मांग निकलने से सरसों की कीमतों में मामूली बढ़त देखने को मिली। हालाँकि मंडियों में नयी सरसों की आवक अब बढ़ने लगी जिससे सरसों की तेजी पर लगाम लगेगी। सोमवार को जयपुर में सरसों का भाव 5525/5550 रुपए प्रति क्विंटल पर खुला जो शनिवार की शाम को 5550 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इस प्रकार बीते सप्ताह उठापठक के बाद सरसों का भाव स्थिर रहा।

सरसों ऑइल कच्ची घानी का भाव बीते सोमवार को जयपुर में 10,160/10,170 रुपये पर खुला जो शनिवार को 10,210/10,220 रुपये पर बंद हुआ। इस प्रकार बीते हफ़्ते कच्ची घानी तेल का भाव 50 रुपये तेज रहा। वहीं सरसों ऑइल एक्सपेलर की बात करें तो यह सोमवार को 10,060/10,070 पर खुला था और शनिवार को 50 रुपये की तेजी के साथ 10,110/10,120 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया। इस दौरान सरसों खल का भाव 2750/2755 रुपये प्रति क्विंटल पर टिका रहा।

देशभर की मंडियों में सरसों की कुल दैनिक आवक बढ़कर 4 लाख बोरियों के करीब पहुँच गई है। नई सरसों की आवक की बात करें तो यह 1.50 लाख बोरियों के आसपास है।

तेल और खल की कीमतों में ज़्यादा बदलाव नहीं देखने को मिल रहा कीमतें तक़रीबन स्थिर बनी हुई है। जिसके चलते सरसो के भाव बढ़ने से क्रशिंग मार्जिन कमजोर है।

नाफेड की बिकवाली जारी

सीज़न के शुरुआत में नाफेड की बिकवाली जारी रहने से सरसों में दबाव बनाएगा। नाफेड के द्वारा अब तक सरसों की कुल 2.75 लाख टन बिकवाली की गई है। सरकार ने चालू नये सीजन में 20 से 25 लाख टन सरसों की खरीददारी का लक्ष्य रखा है। सरसों भाव MSP से नीचे होने के चलते खरीदारी लक्ष्य पिछले वर्ष से दुगना किया है।

सरसों का एमएसपी 2024

गौरतलब है कि इस बार सरकार द्वारा सरसों की एमएसपी में 200 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया है। मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए ये सरसों का एमएसपी मूल्य 5650 रुपये प्रति क्विंटल है।

किसानों को उचित रेट ना मिलने डर

देश में चालू सीजन में सरसों का उत्पादन 125 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। नाफेड के पास अब भी 8 लाख टन से अधिक का स्टॉक उपलब्ध है । ऐसे में किसानों को अपनी फसल के उचित भाव ना मिलने का भी डर सता रहा है। ऐसे में सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए की जल्द से जल्द सरकारी एजेंसियों के द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरसों की खरीद शुरू की जाए।

यदि सरकार की खरीदारी में देरी हुई तो मार्च से जून के बीच सरसो के भाव में मौजूदा स्तरों से 400 से 500 रुपए की गिरावट आने की प्रबल सम्भावना बन सकती है। पिछले साल फरवरी से मार्च तक सरसो के भाव 300 से 350 रुपये की तेजी आई थी । लेकिन उसके बाद नई सरसों का प्रेशर बढ़ने से अप्रैल से जून माह में 1000 रुपये की गिरावट देखने को मिली थी।

क्या करें आगे सरसों में?

बाजार के जानकारों के अनुसार शुरुआती समय में स्टॉकिस्ट ऊँचे भाव में स्टॉक लगाने से बचने का प्रयास करें और मई-जून माह तक का इंतज़ार करें, मई -जून महीने में बॉटम बनाने के बाद सरसो में रिकवरी की सम्भावना बनने के आसार है।

डिस्क्लेमर : उपरोक्त बाजार भाव रिपोर्ट व्यापारियों व अन्य मिडिया स्त्रोत से एकत्रित आकड़ों के आधार पर प्रकाशित की गई है, कृपया किसी भी प्रकार का व्यापार करने से पहले मंडी समिति से प्राइस की पुष्टि अवश्य कर ले। कीमतों में बदलाव संभव है। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। व्यापार खुद के विवेक से करें।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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