Mustard Weekly Report 14 August: पिछला सप्ताह (7-12 अगस्त) शुरुआती कारोबारी दिन यानी सोमवार को जयपुर में कंडीशन सरसों का भाव 6000 रुपये पर खुला था जोकि शनिवार शाम 5850 रुपये पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह के दौरान सरसो में मांग न रहने के कारण -150 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
ऊँचे भाव पर बिकवाली निकलने और मीलों की मांग कमजोर पड़ने से सरसो में आयी गिरावट सरसो के भाव में तेल और खल के मुकाबले ज्यादा तेजी से सरसो की क्रशिंग मार्जिन में गिरावट बढ़ी, वहीं सरसो तेल का अन्तर सोया और अन्य तेलों से बढ़ने से डिमांड भी पड़ी कमजोर।
सोया और अन्य तेलों में कमजोरी के बावजूद अच्छी डिमांड के चलते सरसो तेल के भाव में एक तरफ़ा तेजी आयी, इस तेजी के चलते सरसो तेल काफी ऊँचा बिक रहा था, जबकि सोया तेल काफी में 5-6 रुपये/किलो की गिरावट आ गयी।
पिछले सप्ताह सरसों का अंतर सोया तेल से बढ़कर 20 रुपये/किलो हो गया था, जो इस सप्ताह घटकर 17 रुपये किलो रह गया है।
खल की मांग अभी भी अच्छी बताई जा रही है जिससे इसकी कीमतों में ज्यादा मंदा नहीं आया है हालाँकि निचले स्तरों से अच्छी रिकवरी के बाद इसमें कुछ मुनफावसूली आ सकती है।
आने वाले त्योहारी सीज़न में सरसो तेल की मांग निकलने की उम्मीद में बड़ी मंदी की गुंजाइश कम, वहीं सरसो में भी अच्छी तेजी के बाद थोड़ी मुनाफावसूली लम्बी अवधि के नजरिये से अच्छी बात है। एक तरफ़ा तेजी से व्यापार असंतुलित होता है। इसलिए करेक्शन सरसो के लिए जरुरी था।
अंतराष्ट्रीय बाजार का सेंटीमेंट कमजोर हुआ लेकिन फंडामेंटल मिले जुले हैं जिससे आने वाले समय में अंतराष्ट्रीय बाजार में सुधर देखने को मिलेगा। अंतराष्ट्रीय बाजार के सपोर्ट से करेक्शन के बाद सरसो में फिर रिकवरी की उम्मीद है।
हालाँकि लगातार पिछले दो साप्ताहिक रिपोर्ट में एग्री वर्ल्ड ने हर उछाल में मुनाफावसूली करने की राय दी है। सरसो में पूरे साल 300-400 रुपये की उठा पटक देखने को मिलेगी, जिसका इस्तेमाल व्यापारी ट्रेडिंग के लिए नाफेड द्वारा बिकवाली का भी तलवार सरसो पर लटक रहा है इसलिए व्यापारी ट्रेडिंग पर फोकस करें।
डिस्क्लेमर:
कृपया व्यापार अपने स्वयं के विवेक से करें। हमारा उद्देश्य किसानों तक केवल जानकारी पहुँचाना है। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।