Sugarcane MSP Hike : केंद्र सरकार की मोदी सरकार ने देश के गन्ना उत्पादक किसानों को फायदा देते हुए पेराई सीजन 2023-24 के लिए गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) को 10 रुपये बढ़ाकर भाव 315 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। सरकार के इस फ़ैसले से देश के तक़रीबन 5 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। चीनी मिलों और संबंधित सहायक गतिविधियों में कार्यरत 5 लाख श्रमिकों को भी इसका लाभ मिलेगा। सरकार द्वारा बढ़ाई गई MSP का लाभ किसानों को नए गन्ना सत्र से मिलना शुरू होगा। नये सत्र की शुरुआत 1 अक्टूबर 2023 से होगी, जो 30 सितंबर 2024 तक होगा।
कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार ने 2023-24 सीजन के लिए गन्ने का एफआरपी 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि किसान सरकार की प्राथमिकता में हैं। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों की ओर से गन्ना किसानों को उचित मूल्य मिले, इसलिए दामों में बढ़ोतरी की गई है।
सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्रीय कैबिनेट ने 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए 10.25 फीसदी की मूल रिकवरी दर से गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य को 315 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दे दी है। उन चीनी मिलों के मामले में कोई कटौती नहीं की गई है जहां रिकवरी की दर 9.5 फीसदी से कम है। ऐसे किसानों को चालू पेराई चीनी सीजन 2022-23 के 282.125 रुपये प्रति क्विंटल के स्थान पर आगामी पेराई चीनी सीजन 2023-24 के दौरान गन्ने का दाम 291.975 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा।
कुछ राज्यों में गन्ने का रेट MSP से ज्यादा क्यों है ?
FRP वह न्यूनतम दाम होता है जिस पर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है। सरकार गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 के तहत एफआरपी तय करती है। हालांकि, कुछ राज्यों में गन्ने की खरीदारी सरकार द्वारा तय की गई कीमत से ज्यादा भी ज्यादा होगी।
दरअसल, कुछ सूबों में स्टेट एडवायजरी प्राइस (SAP) लागू होता है। ये प्रदेश अपने स्तर पर गन्ने की कीमतें तय करते हैं। उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा उन्हीं राज्यों में शामिल हैं। पंजाब में इस वक्त गन्ने का दाम 380 रुपये प्रति क्विंटल है। हरियाणा में 372 और उत्तर प्रदेश में 350 रुपये क्विंटल का भाव है।
एफआरपी का क्या मतलब होता है?
FRP (Fair & Remunerative Price) वह न्यूनतम मूल्य होता है, जिस पर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) हर साल FRP की सिफारिश करता है।