कपास में गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए क्या करें? आइये जाने

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

Gulabi Sundi in Cotton: उत्तर भारत में बीटी नरमे में गुलाबी सुण्डी (pink bollworm) के प्रबंधन संबंधी परामर्श:-

  1. जिन किसान भाईयों ने अपने खेतों में बीटी नरमा की लकड़ियों को भंडारित करके रखा है या उनके खेतों के आसपास कपास की जिनिंग व से तेल निकालने वाली मिल लगती है उन किसानों को अपने खेतों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि इन किसानों के खेतों में गुलाबी सुण्डी का प्रभाव अधिक होता है।
  2. बीटी नरमे की लकड़ियों से निकलने वाली गुलाबी सुण्डी के पतंगों को रोकने के लिए अप्रैल महीने से भंडारित लकड़ियों को पॉलिथीन सीट / मच्छरदानी से ढके।
  3. गुलाबी सुण्डी वीटी नरमे के दो बीजों (बिनौले) को जोड़कर या भंडारित लकड़ियों में निवास करती है, इसलिए लकड़ी व बिनौलों का भण्डारण सावधानीपूर्वक करें।
  1. फसल की शुरूआती अवस्था में गुलाबी सुण्डी से प्रभावित नीचे गिरें रोजेटी फूल, फूल डोडी व टिण्डों आदि को एकत्रित कर नष्ट करें।
  2. अन्तिम चुगाई के बाद खेत में बचें अधखुले व खराब टिण्डों को नष्ट करने के लिए खेत में भेंड, बकरी आदि जानवरों को चराए।
  3. बीटी नरमे की लकड़ियों को छाया व खेत में इकट्ठा ना करें। लकड़ियों को काट कर जमीन में मिला दें।
  1. यदि बीटी नरमे की लकड़ियों का भण्डारण करना हो तो लकड़ियों को जमीन पर झड़का ले और खेत से दूर जमीन पर लम्बवत खड़ा करें।
  2. गुलाबी सुण्डी से प्रभावित क्षेत्रों से नये क्षेत्र में बीटी नरमे की छट्टियों / लकड़ियों का नहीं ले जाना चाहिए।

गुलाबी सुण्डी के प्रकोप की निगरानी व नियंत्रण के लिए आर्थिक कगार :

  • फसल की बिजाई के 40 से 50 दिन के पश्चात् दो फेरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ लगाएं तथा इनमें 5-8 पंतगे प्रति ट्रैप लगातार तीन दिन तक आने पर।
  • बीटी नरमा के पौधे पर लगे हुए 100 फूलों में से 5-10 फूल गुलाब की तरह बंद ( रोजेटी फूल) दिखाई देने पर ।
  • 20 हरे टिण्डों ( 10-15 दिन पुराने बड़े आकार के टिण्डे) को खोलने पर 1-2 टिण्डों में सफेद या गुलाबी लार्वा (सुण्डी) दिखाई देने पर।

कपास की फसल 60 दिन की होने तक

नीम का तेल (5 मि.ली.) + एन. एस. के. ई. 5 प्रतिशत (50 मि.ली.)+ कपड़े धोने का पाउडर (1 ग्राम) प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करें या नीम आधारित कीटनाशक 5 मि.ली. प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

कपास की फसल 61-120 दिन की होने पर

प्रोफेनोफास 50 ई.सी. 500-800 मि.ली. या ईमामेक्टिन बेंजोएट 5 एस. जी. 100 ग्राम या क्लोरोपायरीफास 20 ई.सी. 500 मि.ली. या क्यूनालफास 20 ए.एफ. 500-900 मि.ली. या थीयोडीकार्ब 75 डब्ल्यू.पी. 225-400 ग्राम या इण्डोक्साकार्ब 14.5 ई.सी. 200 मि.ली. को 150-200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।

कपास की फसल 121-150 दिन की होने पर

इथियोन 20 ई.सी. 800 मि.ली. या फैनवेलरेट 20 ई.सी. 100-200 मि.ली. या साइप्रमेथरीन 10 ई.सी. 200-250 मि.ली. या साइप्रमेथरीन 25 ई.सी. 80-100 मि.ली. या लेम्डा सायलोथिन 5 ई.सी. 200 मि.ली. या डेल्टामेथिन 2.8 ई.सी. 100-200 मि.ली. या अल्फामेथ्रिन 10 ई.सी. 100-125 मि.ली. या फेनप्रोपेथिन 10 ई.सी. 300 मि.ली. को 175-200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।

गुलाबी सुण्डी के के लिए आर्थिक कगार पर सुझाये गये कीटनाशक

ऊपर वर्णित कीटनाशक केन्द्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, नागपुर, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना व स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर में से किसी एक या एक अधिक संस्थान द्वारा अनुमोदित किये गये हैं।

नोट : स्प्रे बारीक फुंआरे से करें तथा एक ही कीटनाशक का छिड़काव बार-बार न दोहराएं और स्प्रे के दौरान ज्यादा कीटनाशकों के मिश्रण का उपयोग न करें।

‘आत्मा योजना के तहत कृषक हित में प्रकाशित”

सोर्स : उप निदेशक कृषि एवं पदेन परियोजना निदेशक (आत्मा) श्री गंगानगर

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

Leave a Comment

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now