चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (cyclone biparjoy) ने गुजरात के किसानों को भारी नुक़सान का सामना करना पड़ा है । इस चक्रवाती तूफान से बड़े स्तर पर किसानों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई है, साथ ही बड़ी संख्या में पशुओं की भी जान चली गई है। ऐसे में गुजरात सरकार ने किसानों को हुए इस नुकसान को देखते हुए आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है। ऐसे में नुकसान का जायदा लेकर रिपोर्ट तैयार करने के लिए टीमें लगी हुई है। जल्द ही सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद किसानों को आर्थिक मदद मुहैया करवाई जाएगी।
सर्वेक्षण के बाद किसानों को दिया जाएगा मुआवजा
सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद गांधीनगर में गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री और सरकार के प्रवक्ता ऋषिकेश पटेल ने कहा कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय से प्रदेश में हुए नुकसान का सर्वे करने के लिए अलग-अलग टीमों को प्रभावित जिलों में भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चल रहे सर्वेक्षण की रिपोर्ट मिलने के बाद किसानों और पशुपालकों को मुआवजा देगी। पटेल ने कहा कि एक शुरुआती सर्वेक्षण से पता चला है कि बिपरजॉय के कारण गुजरात के बिजली ढांचे को 783 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
पटेल ने कहा कि बिजली गिरने और पेड़ों के गिरने जैसी अलग-अलग चक्रवाती घटनाओं में 1,320 मवेशियों और लगभग 1,900 पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो गई है। मंत्री ने कहा कि 1,129 मवेशियों की मौत के लिए 1.62 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है, जबकि अन्य पशुपालकों को जल्द ही भुगतान किया जाएगा।
पटेल ने कहा कि एक शुरुआती सर्वेक्षण से पता चला है कि कच्छ, मोरबी, देवभूमि द्वारका, जामनगर और पोरबंदर जिलों में 53,000 हेक्टेयर में उगने वाले लगभग 14,800 फल देने वाले पेड़ तेज हवाओं के कारण उखड़ गए।