MP Fasal Bima List 2023 News in Hindi: मध्य प्रदेश के 44 लाख से भी ज़्यादा किसानों (Farmers) को साल 2021 का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत 2,933 करोड़ रुपये का भुगतान 13 जून (मंगलवार) को किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक़ 13 जून को राजगढ़ में “किसान कल्याण महाकुंभ” का आयोजन किया जा रहा है। इसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल होंगे। विधानसभा चुनाव से पहले सितंबर-अक्टूबर में एक बार फिर बीमा की राशि किसानों के खाते में भेजी जाएगी। साथ ही 2000 करोड़ की ब्याज की राशि भरकर किसानों को ब्याज मुक्त किया जाएगा।
मध्य प्रदेश फसल बीमा जिलेवार लिस्ट 2023
मध्य प्रदेश में साल 2021 का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 13 जून को 2,933 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है, जिसकी जिलेवार किसानों की संख्या और मुआवजा राशि की लिस्ट यहां नीचे सारणी में प्रकाशित की जा रही है।
ज़िले का नाम | बीमा क्लेम के पात्र किसानों की संख्या | कुल बीमित स्वीकृत राशि |
उज्जैन | 5,36,315 | 271 करोड़ रुपये |
सीहोर | 4,05,150 | 232 करोड़ रुपये |
शाजापुर | 1,94,000 | 197 करोड़ |
विदिशा | 2,70, 850 | 196 करोड़ रुपये |
नर्मदापुरम | 1,47,178 | 190 करोड़ रुपये |
राजगढ़ | 1,97,200 | 169 करोड़ रुपये |
रतलाम | 2,22,868 | 123 करोड़ रुपये |
सागर | 1,25,883 | 99 करोड़ 61 लाख रुपये |
मंदसौर | 1,61, 751 | 53 करोड़ रुपये |
खंडवा | 1,06,862 | 92 करोड़ रुपये |
छिंदवाड़ा | 1,03,167 | 58 करोड़ 17 लाख रुपये |
जबलपुर | 29,141 | 20 करोड़ 26 लाख रुपये |
ग्वालियर | 23,021 | 15 करोड़ 95 लाख रुपये |
भोपाल | 67,038 | 53 करोड़ 27 लाख रुपये |
2022 का फसल बीमा भुगतान इसी साल
मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के चलते अक्टूबर में आचार संहिता लग जाएगी। ऐसे में मौजूदा सरकार फिर से सता में आने के लिए तैयारियों में जुटी हुई हैं। इस साल खरीफ और रबी फसल को बारिश और ओलों के से नुक़सान पहुंचा था, ऐसे में कृषि विभाग ने किसानों को उचित बीमा राशि दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार द्वारा कोशिश की जा रही है कि सभी दावों को सितंबर तक अंतिम रूप दे दिया जाए ताकि विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले बीमा की राशि किसानों के खातों में भेजी जा सके।
मीडिया में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक़ कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 2022 में खरीफ और रबी फसलों को अतिवृष्टि या ओलावृष्टि से जो क्षति हुई, उसका आकलन करके बीमा कंपनियों को दावे प्रस्तुत किए जा चुके हैं। प्रयास यही है कि अगले 2-3 महीनों में परीक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। जिसके लिए बीमा कंपनियों के उच्च अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर जारी है।