हनुमानगढ़ ड्रिप फव्वारा योजना: ज़िले में सिंचाई पानी की कमी की वजह से कृषि विभाग किसानों को ड्रिप इरीगेशन (Drip irrigation) का महत्व बता रहा है। इसी क्रम में फव्वारा पद्धति (Fuvara Padhati) से सिंचाई करने के प्रति किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह की सरकारी योजनाएं भी संचालित की जा रही है।
ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई के लिए सरकार दे रही है 75 प्रतिशत अनुदान
इसमें स्प्रिंकलर अथवा फव्वारा सिंचाई सिस्टम लगाने पर सामान्य किसानों को अधिकतम 70 प्रतिशत अनुदान दी जा रही है, जबकि महिला व लघु सीमांत किसानों को 5 फीसदि अधिक अनुदान देय के साथ 75 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है।
ज़िले में है नहरी पानी की कमी
हनुमानगढ़ जिले की बात करेंं खरीफ सीजन में करीब 6 लाख हेक्टैयर में फसलों की बिजाई होती है। इसे देखते हुए किसानों को सिंचाई पानी की अहमियत समझने की जरूरत है। ताकि भविष्य में किसान कम पानी में बेहतर तरीके से फसलों की सिंचाई कर ज्यादा पैदावार ले सकें।
जिले में नहरी पानी की कमी लगातार सामने आ रही है। ऐसे में फव्वारा पद्धति को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसमें कम पानी से अधिक क्षेत्रफल में सिंचाई की जा सकती है।
राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन योजना
राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन योजना के तहत फव्वारा सेट क्रय करने पर अनुदान देय है। कम से कम 0.4 हेक्टैयर से लेकर अधिकतम 5 हेक्टेयर तक एक कृषक अनुदान लाभ प्राप्त कर सकता है।
जिले में ड्रिप इरीगेशन को बढ़ावा देने को लेकर किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके कई तरह के फायदे हैं। किसानों को इसकी अहमियत समझने की जरूरत है। ताकि कम पानी का अधिकतम क्षेत्र में उपयोग किया जा सके।
ऐसे करें आवेदन
खेतों में फव्वारा लगाने के लिए कृषकों को नवीनतम जमाबंदी, नजरी नक्शा, इच्छित कंपनी का कोटेशन आदि संलग्न करना होगा। आवेदन करने की समस्त प्रक्रिया राज किसान सुविधा ऐप पर उपलब्ध रहेगी।
बीआर बाकोलिया, सहायक निदेशक, कृषि विभाग हनुमानगढ़
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