भाव भविष्य 17 अप्रैल 2023: बीते सप्ताह चना, मसूर, मटर, उड़द और मूंग का बाजार भाव और तेजी-मंदी की विस्तृत जानकारी ई-मंडी रेट्स के इस आर्टिकल में प्रकाशित की जा रही ताकि आप इस विश्लेषण को पढ़ कर आने वाले दिनों में बाजार का रूख क्या कुछ रह सकता है इसका अनुमान लगा सके। आइये पढ़े, साप्ताहिक रिपोर्ट
चना सप्ताहिक रिपोर्ट 17 अप्रैल
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली राजस्थान लाइन ओल्ड 5210 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम ओल्ड चना 5200 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना चनादाल बेसन में मांग कमजोर बनी रहने से चना भाव में -10 रूपये कुन्टल की गिरावट दर्ज हुआ, चना में नाफेड दवारा लेवाल सुस्त चना की बम्पर खरीदी से भी बाजार सेंटीमेंट कमजोर हुआ।
इस बीच हाल ही में खबर आई थी की चना का भी स्टॉक डिक्लेअर करना जरुरी। नाफेड ने लगभग 10 लाख टन चना खरीदी लिया है। नाफेड के पास लगभग 14 लाख टन पुराना (2022) स्टॉक। महाराष्ट्र में इस वर्ष चना की बम्पर आवक हुई; अभी आवक रहेगी जारी। मध्य प्रदेश और राजस्थान में चना की आवक कमजोर।
जानकारों के अनुसार मिल क्वालिटी चना की सप्लाई इस साल टाइट रहने की उम्मीद। जून से मंडियों में चना की आवक टाइट होने की उम्मीद मंडियों में आवक कमजोर पड़ने से नाफेड के चना बिक्री की लोग रह देखेंगे। जून से मंडियों में चना सप्लाई टाइट होने पर नाफेड टेंडर में मिलर्स की खरीदी रुझान बढ़ेगा।
काबुली चना सप्ताहिक रिपोर्ट 17 अप्रैल
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार इंदौर काबुली (40/42) 13,000 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम (40/42) 12,200 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना काबुली मे मांग कमजोर रहने से -800 रूपये प्रति कुन्टल की गिरावट दर्ज हुआ,काबुली की आवक मंडियों में बढ़ना और सामने मांग औसत सामान्य है। रमजान की निर्यात मांग की पूर्ति भी लगभग हो चुकी जिससे निर्यात मांग भी कमजोरी रही।
जानकारों के अनुसार 1 लाख टन से अधिक नया काबुली घरेलू बाजार आ चुका है। कुल आवक में से लगभग 34,000 निर्यात और 25,000 टन घरेलु खपत में जाने का अनुमान। यानिकी लगभग 69,000 टन खपत। और ऊपर का 30,000+ टन बाजार में स्टॉकिस्ट/प्रोसेसर / निर्यातक के हाथ में। आने वाले समय में काबुली की आवक का प्रेशर बढ़ेगा क्योंकि भाव काफी अच्छे है। आवक के प्रेशर के सामने ऊपर भाव में खरीददार सतर्क रहेगा जिससे भाव पर दबाव दिख सकता है। हालांकि 15 मई के बाद धीरे धीरे मांग में सुधार और भाव में स्थिरता आने की उम्मीद। काबुली में मुनाफावसूली और ताजा खरीदी जरूरतानुसार करने की सलाह।
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मसूर सप्ताहिक रिपोर्ट 17 अप्रैल
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार कटनी मसूर 6050 रुपये पर खुला था ओर शनिवार 5950 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दोरान मसूर व मसूर दाल मे मांग कमजोर बनी रहने से -100 रूपये प्रति कुंटल की गिरावट दर्ज हुआ, कटनी और दिल्ली जैसे प्रमुख केंद्रों पर मसूर 75-125 रुपये तक कमजोर। सप्लाई के मुकाबले मसूर की ग्राहकी प्रमुख खपत केंद्रों पर कमजोर बताई जा रही। हालांकि अंतराष्ट्रीय बाजार में मसूर के दाम में 3-4 सप्ताह में मजबूती दर्ज की गई। देश में इस वर्ष मसूर उत्पादन अच्छा है और विदेशी मसूर पर निर्भरत कुछ कम होने की उम्मीद। एक अनुमान के मुताबिक़ इस सीजन (मार्च-फरवरी 2023-24 ) में उत्पादन 15 लाख टन। देश में मसूर की खपत मांग प्रति वर्ष 18 लाख टन के आसपास रहने का अनुमान। मसूर में सप्लाई-डिमांड में कोई ख़ास अंतर नहीं और विदेशों में उत्पादन काफी है। मसूर के वर्तमान सप्लाई-डिमांड और ग्राहकी को देखते हुए सिमित खरीदी की सलाह।
मटर सप्ताहिक रिपोर्ट 17 अप्रैल
पिछले सप्ताह सुरुवात सोमवार कानपुर यूपी 4450/4650 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 4350/4500 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान मटर मे बिकवाली बढ़ने व मांग कमजोर बनी रहने से -150 रूपये प्रति कुन्टल गिरावट दर्ज हुआ,चना की गिरावट के असर व मांग कमजोर बनी रहने से चालु साप्ताह के दौरान मटर की कीमतों में गिरावट का रुख रहा। दाल मिलर्स की लिवाली कमजोर रहने से कानपुर मटर में इस साप्ताह मंदा रहा।
उत्तरप्रदेश लाइन 4350/4475 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। इसी प्रकार ललितपुर मटर में भी इस साप्ताह 100 रुपए प्रति क्विंटल का मंदा रहा। बिकवाली का दबाव बढ़ने व लिवाली कमजोर बनी रहने जालौन मटर में इस साप्ताह 270 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गयी। राठ मटर में भी इस साप्ताह 300 रुपए प्रति क्विंटल का मंदा रहा। मांग कमजोर बनी रहने से महोबा व कोंच मटर चालू साप्ताह के दौरान 100- 100 रुपए प्रति क्विंटल का मंदा रहा। उत्पादक मंडियों में मटर की आवक कमजोर पड़ने लगी है। कमजोर आवक को देख स्टाकिस्टों की लिवाली बढ़ सकती है जिससे यहां से मटर की कीमतों में मजबूती देखी जा सकती है।
मटर दाल मटर की गिरावट के असर व मांग कमजोर बनी रहने से चालू साप्ताह के दौरान मटर दाल की कीमतों में 100 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गयी और इस गिरावट के साथ भाव सप्तहांत में कानपुर 4600/4650 रुपए प्रति क्विंटल रह गयी।
मूँग सप्ताहिक रिपोर्ट 17 अप्रैल
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली बेस्ट मूंग राजस्थान लाईन 9000 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 9200 रूपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान मूंग में मांग निकलने से +200 रुपए प्रति कुन्टल का मजबूत दर्ज हुआ, मूंग के दाम पिछले सप्ताह कही नरम तो कही गरम रहे। मंडियों में मूंग की आवक काफी कमजोर है। और घरेलु मांग की पूर्ति नाफेड बिक्री से हो रही। नाफेड द्वारा भी बहुत कम मात्रा में भी मूंग की टेंडर में बिक्री हो रही उससे मांग की पूर्ति होनी मुश्किल। कारोबारियों की नजर अब ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल पर जो मांग की पूर्ति के लिए सहायक सिद्ध हो सकती है।
सरकारी अधिकारीयों का मानना है की इस वर्ष ग्रीष्मकालीन मूंग उत्पादन 10 लाख टन रहने का अनुमान है। मध्य प्रदेश में खंडवा लाइन की छिटपुट आवक शुरू हो गई और धीरे धीरे आवक बढ़ेगी। ग्रीष्मकालीन मूंग की अच्छी आवक 15 मई के बाद से देखने को मिलेगा जिससे भाव की तेजी पर ब्रेक लग सकता है।
मूंग के दाम अभी वर्तमान भाव के आसपास रह सकते हैं लेकिन जैसे जैसे आगे ग्रीष्मकालीन मूंग की आवक बढ़ेगी तो भाव पर दबाव भी देखने को मिल सकता है। इस वर्ष मूंग के दाम एमएसपी 7755 से काफी ऊपर है तो शुरू में पूरी आवक का प्रेशर मंडियों में होगा जिससे सभी को भरपूर माल मिलने की संभावना है।
देश में उत्तर भारत से लेकर मध्य और दक्षिण भारत सभी जगह पाइपलाइन खाली है तो यह देखना रोचक होगा की क्या आवक के दबाव के सामने अच्छी मांग रहने से भाव पर क्या असर होगा।
उड़द सप्ताहिक रिपोर्ट 17 अप्रैल
पिछले सप्ताह सुरुवात सोमवार चेन्नई एसक्यू 8200 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम एसक्यू 8100/25 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान उडद में मांग कमजोर रहने से -75 रूपये प्रति कुन्टल गिरावट दर्ज हुआ, उड़द में मिलर्स की ग्राहकी 3-4 सप्ताह से सुस्त है। क्योंकि उड़द दाल में कमजोर मांग बनी हुई है। सरकार द्वारा स्टॉक डिक्लेअर करने को लेकर सख्ती और जिन्होंने स्टॉक डिक्लेअर नहीं किया उनपर सख्त कार्यवाही के आदेश के बाद बाजार में घबराहट बढ़ी। इम्पोर्टर्स द्वारा बिकवाली हाल फिलहाल में बढ़ी है।
उपभोक्ता मंत्रालय की चेतावनी के बाद से सभी छोटे बड़े कारोबारियों ने फिलहाल काम करना ही कम कर दिया है। जानकारों के अनुसार देश में उड़द की कमी है और भाव इसलिए एमएसपी से ऊपर है। सरकार की सख्ती के बाद उड़द का आयात में गिरावट आने की संभावना है। बर्मा में उड़द आयात करने में अभी 400 के आसपास का नुकसान है। क्योंकि चेन्नई में भाव कम है। कुल मिलाकर व्यापार वर्ग में फिलहाल काम करने का उत्साह नहीं है इसलिए भाव में छिटपुट कमजोरी आ सकती है, उड़द का फंडामेंटल मजबूत है लेकिन पैनिक का माहौल को देखते हुए अभी सिमित कारोबार करना चाहिए। 15 मई के बाद से उड़द की ग्राहकी में सुधार की उम्मीद नजर आती है।
डिस्क्लेमर:
Pulses Future Price Report: चना, मसूर, मटर, उड़द और मूंग साप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट 17 अप्रैल 2023: कृपया व्यापार अपने स्वयं के विवेक से करें। हमारा उद्देश किसानों तक केवल जानकारी पहुँचाना है। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।






