नई दिल्ली: आवक की अपेक्षा मांग कमजोर होने से स्थानीय बाजार में सरसों की क़ीमतों (Mustard Price) में बीते कई दिनों से गिरावट का सिलसिला जारी है। देश की विभिन्न मंडियों में सरसों की दैनिक आवक बढ़कर क़रीब 8 लाख बोरी पर पहुंच गई है।
दैनिक आवक में बढ़ोतरी होने तथा तेल मिलों की मांग कमजोर होने से लॉरेंस रोड पर कल सरसों के भाव 50 रूपये घटकर 5650/5700 रुपए प्रति कुंटल रह गए। सरसों तेल भी मांग कमजोर होने से 50 रूपये कम होकर 11650 रुपए प्रति कुंटल पर आ गया।
इसी प्रकार उठाव न होने से जयपुर मंडी में 42 प्रतिशत कंडीशन सरसों के भाव 75 रूपये घटकर 5850/5875 रूपये प्रति कुंतल रह गए। सरसों में आई गिरावट के कारण सरसों तेल कच्ची घानी के भाव 200 रूपये घटकर 11600 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 25 रुपये घटकर 2450 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गई।
अलवर लाइन में लूज सरसों के भाव 5700 तथा मुरैना में 5300 रूपये प्रति कुंतल बोले गए। तेल मिलों की माग घटने के कारण आगरा में 42 प्रतिशत कंडीशन सरसों के भाव 75 रूपये घटकर 6275 रुपए प्रति कुंतल रह गए।
विदेशी बाजार में आज खाद्य तेलों की कीमतों में तेज़ी दर्ज की गई। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर मई डिलीवरी के पाम ऑयल वायदा अनुबंध आज +1.71% फीसदी (+71) की उछाल के साथ भाव 4,212 रिंगिट प्रति टन पर कारोबार करता नजर आया ।
सरसों में तेजी की क्या संभावना है?
सरसों के प्रमुख उत्पादक राज्यों राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में पारा तेज हो रहा है, जिस कारण सरसों की कटाई एवं थ्रेसिंग में तेजी आ रही है। उपज मंडियों में नई सरसों की दैनिक आवक तेजी से बढ़ रही है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए फ़िलहाल सरसों की क़ीमतों में तेजी के आसार नजर नहीं आ रहे। उधर तेल मिलें भी फिलहाल केवल जरुरत के मुताबिक ही सरसों की खरीद कर रही हैं। जिसके चलते सरसों कि कीमतों पर लगातार दबाव देखा जा रहा है। आने वाले दिनों में सरसों के दामों में गिरावट और बढ़ेगी।