33 हजार 500 नए किसानों को पहली बार मिलेगा बिना ब्याज के फसली ऋण

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श्रीगंगानगर: कृषि बाहुल्य श्रीगंगानगर जिले में चुनावी वर्ष में राज्य सरकार किसानों (Farmers) को साधने के लिए फोकस कर रही है। इस कारण श्रीगंगानगर जिले की 335 ग्राम सेवा सहकारी समितियों को रबी सीजन (Rabi Season) में नए किसानों को पहली बार बिना ब्याज फसली ऋण (Interest Free Crop Loan) 33 हजार 500 किसानों को 33 करोड़ 50 लाख रुपए ऋण वितरण किया जाएगा।

गौरतलब है कि पहले दी गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक का फोकस समिति से जुड़े किसानों को ही अल्पकालीन ऋण वितरण (short term loan disbursement) को ज्यादा महत्व दिया जा रहा था। जबकि अब राज्य सरकार ने नए किसानों को फसली ऋण वितरण पर फोकस किया जा रहा है। The Ganganagar Kendriya Sahakari Bank Ltd. ने जिले की हर ग्राम सेवा सहकारी समिति के व्यवस्थापक को पत्र जारी कर नए सदस्यों को समिति से जोडकर बिना ब्याज फसली ऋण 10-10 हजार रुपए वितरण करने का लक्ष्य तय किया गया है।

बजट 2022-23 में हुई थी घोषणा

श्रीगंगानगर जिले में खरीफ व रबी सीजन में 6188 नए किसानों को बिना ब्याज फसली ऋण किया गया है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने बजट घोषणा में वर्ष 2022-23 में 5 लाख नए किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण देने का लक्ष्य दिया था। जबकि राज्य भर में नए किसानों को बजट की कमी का कारण बताकर ऋण वितरण लक्ष्य के अनुरूप नहीं किया गया।

अब राज्य सरकार ने इसको गंभीरता से लेते हुए राज्य भर में शेष नए किसानों को बिना ब्याज फसली ऋण वितरण के लिए निर्देशित किया है। राज्य में खरीफ सीजन में 98 हजार 320 और रबी में 1 लाख 51 हजार 972 नए किसानों को बिना ब्याज फसली ऋण वितरण किया गया है। रबी व खरीफ में कुल मिलाकर 2 लाख 50 हजार 292 नए किसानों राज्य में अल्पकालीन ऋण किया गया है।

लक्ष्य तय किए

दी गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक के एमडी ने एक आदेश जारी कर जिले की सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों को नए सदस्यों को ऋण देने का लक्ष्य दिया गया है। इसमें प्रत्येक समिति को कम से कम 100 नए सदस्यों को अल्पकालीन बिना ब्याज फसली ऋण देने के लिए निर्देशित किया। ये भी पढ़े : पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना 2023: जानिए लाभ, दस्तावेज, आवेदन फॉर्म के बारे में

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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