सरसों साप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट 12 सितंबर 2022 (Mustard Price Weekly Bullish Bearish Report): पिछले सप्ताह की शुरुआत यानि सोमवार को जयपुर सरसों का भाव 6400 रुपये पर खुला था जोकि शनिवार शाम 6325 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान सरसों में प्लांट्स की मांग कमजोर होने सें -75 रुपये कुन्टल की गिरावट दर्ज की गई।
विदेशी बाजारों में गिरावट से सरसों में नरमी
विदेशी बाजारों में तेलों के भाव घटने और सरकार की और से कीमतों को कम करने के दबाव से सरसो तेल के भाव भी टूटे। जयपुर कच्ची घानी तेल इस सप्ताह 3 रुपये /किलो गिरकर 1280 पर दर्ज किया गया।
खादय तेलों की कीमतों में गिरावट से सरसो तेल उत्पादन बेपड़ता हो गया है। तेल उत्पादन बेपड़ता होने से अधिकतर मिलें बंद पड़ी है। भरतपुर में 95% तेल मिलें बंद चल रही है आने वाले समय में सोयाबीन की फसल मार्केट में आना शुरू हो जाएगी।
आने वाले दिनों में कैसा रहेगा सरसों का बाज़ार ?
सोयाबीन की आवक का दबाव और विदेशी बाज़ारों से कमजोरी के संकेत से सरसो में दबाव बना रहेगा। इन स्तरों से सरसो में अधिकतम 300 और तेल में 5 रुपए की गिरावट आ सकती है। पाम तेल की अधिक सप्लाई से सरसो तेल की डिमांड फ़िलहाल कमजोर है लेकिन ठण्ड के मौसम में पाम तेल की डिमांड जाएगी और सरसो तेल की डिमांड अच्छी कम रहेगी। सरसो की नयी फसल से पहले सरसो और सरसो तेल में फिर उछाल देखने को मिलेगी।
पाम तेल में गिरावट
पाम तेल पिछले हफ्ते KLC में 8.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। बढ़ते उत्पादन और कमजोर निर्यात से मलेशिया के पाम तेल के स्टॉक में बढ़ोतरी की उम्मीद, एमपीओबी अगस्त महीने की आपूर्ति मांग रिपोर्ट सोमवार, 12 सितंबर को जारी करेगा ।
चीन के कई शहरों में लॉकडाउन लगाया गया है जिससे मांग कमजोर है। जिसका दबाव केएलसी पर दिख रहा है हालांकि, 1-10 सितंबर के दौरान निर्यात में सुधार दिखा और आईटीएस और एमस्पेस के अनुसार निर्यात 9-16% के बीच बढ़ा है।
सीबीओटी सोया तेल के साथ भारी अंतर और निर्यात में सुधार से केएलसी को सहायता मिलेगी विदेशी बाजारों में कमजोरी, पाम तेल की आपूर्ति बढ़ने और कमजोर मांग के कारण इस सप्ताह पाम तेल में 6 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आई।
सितंबर में भारत का पाम तेल आयात एक बार फिर 10 लाख टन के पार जाने की उम्मीद है। कांडला में पाम तेल की कीमत 6 रुपये प्रति किलोग्राम और फिसलकर 920 रुपये / 10 किलो पर आ गई। 10 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो गया है, इस दौरान मांग सुस्त रहने की उम्मीद है (25 सितंबर) तक, गिरावट जारी रह सकती है।
जिसके बाद अगले महीने की त्योहारी मांग कीमतों को समर्थन देगी विशेषज्ञों का मानना है कि पाम तेल की कीमतों में 850 के स्तर को आजमा सकती है, जहां हमें कीमतों में स्थिरता देखने को मिल सकती है।
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