श्री नगर: जम्मू-कश्मीर में केसर उत्पादन ने पिछले 25 वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। किसानों ने केसर का बंपर उत्पादन किया है। कृषि विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में केसर का रिकॉर्ड 15.04 मीट्रिक टन उत्पादन किया गया। यह 25 साल में सबसे ज्यादा है। घाटी में लगातार दूसरे साल जोरदार उत्पादन से से केसर किसानों के चेहरे पर चमक है।
2020 में 13.5 मीट्रिक टन केसर का उत्पादन हुआ था। इससे पहले सबसे अधिक उत्पादन 1996 में 15 मीट्रिक टन हुआ था। तब खेती का क्षेत्र 5,707 हेक्टेयर था। घाटी में नवंबर 2021 में तुड़ाई का मौसम समाप्त होने के बाद केसर के धागों को सुखाया जाता है। यही लाल धागेनुमा सुगंधित हिस्सा केसर बनता है।
कश्मीर के केसर में क्रोसिन की उच्च गुणवत्ता
कश्मीरी केसर को क्रोसिन की उच्च गुणवत्ता के कारण बेहतर माना जाता है। क्रोसिन एक कैरोटीनॉयड है, जो औषधियों में इस्तेमाल होता है। कश्मीर दुनिया का एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां समुद्र तल से 5000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर केसर की खेती की जाती है। पंपोर इलाके में लगभग 30 हजार परिवार केसर की खेती से जुड़े हैं।
केसर का रेट
कश्मीर देश का एकमात्र केसर उत्पादक राज्य है। यहां हर साल करीब 17 टन केसर का उत्पादन होता है। आमतौर पर कश्मीरी केसर का भाव 1 लाख 50 हजार रुपये से 3 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के बीच रहता है। तो वहीं दुनिया के बाजारों में कश्मीरी केसर की कीमत 3 लाख से 5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक है.
पोस्ट: हारून रशीद
Web Title : Saffron production in Jammu and Kashmir broke the record of last 25 years, data given by Agriculture Department