कृषि सिंचाई योजना के तहत डिग्गी निर्माण का 92 करोड़ रुपये का लंबित अनुदान हुआ जारी

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जयपुर किसान समाचार: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत देश के किसानों को सिंचाई के लिए सिंचाई यंत्र, तालाब निर्माण एवं डिग्गी निर्माण इत्यादि के लिए अनुदान राशि प्रदान की जाती है। राजस्थान प्रदेश में संचालित डिग्गी निर्माण योजना का वर्ष 2018-2019 का अनुदान (सब्सिडी) किसानों को अभी तक नही मिल पाया था ।

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के मुताबिक़ अनुदान नही मिलने का कारण केंद्र सरकार द्वारा योजना के लिए दी जाने वाली 60% राशि का ना मिलना था। जिसके चलते किसानों की सब्सिडी अटक गई थी, लेकिन अब किसानों के लंबित भुगतान के लिए 92 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है। जल्द ही हनुमानगढ़ श्री गंगानगर और बीकानेर के किसानों को डिग्गी निर्माण की अनुदान राशि मिल जायेगी।

इन 3 जिलों के इतने किसानों को मिलेगा लाभ

राजस्थान के कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया द्वारा दी जानकारी के मुताबिक किसानों को राहत पहुँचाने के लिए डिग्गी निर्माण के लम्बित अनुदान भुगतान के लिए 92 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी गई है . सरकार द्वारा केंद्रीय अंश सहित पूरे अनुदान का भुगतान करने का फैसला लिया है। 92 करोड़ रुपये की इस राशि से हनुमानगढ़ , गंगानगर और बीकानेर के 4021 किसानों को लाभ मिलेगा.

जिला लाभार्थी किसानों की संख्याअनुदान राशि
श्री गंगानगर224244 करोड़ 42 लाख रुपए
हनुमानगढ़3246 करोड़ 46 लाख
बीकानेर145441 करोड़ 30 लाख रुपए
  • बीकानेर जिले के इंदिरा गांधी नहर परियोजना (IGNP) क्षेत्र के 1000 किसानों को 32.60 करोड़ रुपए एवं Non-IGNP क्षेत्र के 454 किसानों को 8.70 करोड़ रुपए का अनुदान सीधे उनके खातों में हस्तांतरित किया जाएगा।
  • गंगानगर, हनुमानगढ़ एवं बीकानेर जिले के Non-IGNP इलाके के किसानों को टॉप अप राशि का भुगतान पूर्व में किया जा चुका है।

जाने ! डिग्गी निर्माण के लिए कितना अनुदान मिलता है ?

Diggy construction scheme : जानकारी के लिए आपको बता दे की प्रदेश में 0.5 हेक्टेयर या उससे अधिक भूमि के स्वामित्व वाले किसानों को न्यूनतम 4.00 लाख लीटर या इससे अधिक क्षमता की पक्‍की डिग्गी के निर्माण के लिए लागत का 75 प्रतिशत (लागत का 25 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान राज्य मद से देय है) अथवा अधिकतम रूपये 3.00 लाख, जो भी कम हो अनुदान के रूप में दिया जाता है।

मैं जगत पाल पिलानिया ! ई मंडी रेट्स का संस्थापक हूँ । ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों को मंडी भाव और खेती किसानी से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान कर रहा है।

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